हर साल जब
सितारा धीरे-धीरे चमकने लगते हैं, तो वाराणसी एक विशेष जादू में नहाता है। यह मौका दुर्गा पूजा का होता है, जब
गंगा किनारे get more info में सुंदर उत्सव मनाए जाते हैं।
- लाल सजावट और झूमते हुए दीयों से सजी,
पूजा का समय है जब हर कोई भक्ति में डूब जाता है।
- गीत की आवाज़ें हवा में घूमती हैं और उत्साह का माहौल बनता है।
- खाना के स्वाद और
उछाल भी इस पर्व को विशेष बनाते हैं।
यह मौका सिर्फ़ एक त्योहार नहीं है, बल्कि वाराणसी की आत्मा का
प्रतिबिंब है।
काशी की धरती पर शक्ति का पर्व
पावन गंगा नदी के किनारे में एक बार फिर शक्ति का पर्व आ गया है। हर साल इस उत्सव पर लाखों श्रद्धालु आते हैं और पूर्वजों की कृपा प्राप्त करने के लिए ध्यान लगाते हैं।
संगीत का माहौल से सजी धरती, यह पर्व एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।
गली-मोहल्लों में उत्साह की लहर दौड़ रही है।
दीवानगी से भरपूर यह पर्व मान्यताओं को जीवित रखता है।
गंगा किनारे माँ दुर्गा की आराधना
यहाँ गंगा नदी के तट पर, जहां सदियों से पवित्र धारा बहती है, माँ दुर्गा की आराधना एक प्राचीन रीति है। देवी की मूर्तियों को सज्जित स्थापित के साथ और श्वेतवस्त्रों से, भक्तजन उत्साह से उपासना करते हैं। यहाँ की हर जगह का पवित्र अनुभव है, और यह स्थल गंगा माता के भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
इस स्थान पर आयोजित होने वाले मेले में हज़ारों भक्तजन उपस्थित होते और भगवान की आराधना करते हैं। यह त्योहार न केवल एक धार्मिक महत्व का है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति के विविध रंगों को भी दर्शाता है।
पुरातनता और प्रचलन का संगम पर दुर्गा पूजा
दुर्गा पूजा, एक ऐसी पर्व स्थापना, जो अपने भव्य मंदिरों और प्राचीन रीति-रिवाजों से समृद्ध है। यह उत्सव सिर्फ धार्मिक विश्वास का ही प्रतीक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।
यह पर्व, हमारी विश्वास की गहराई को दर्शाता है और मूल कलाओं का परिचय देता है। दुर्गा पूजा में दिखने वाली मूर्तियों, शिल्प और रंगों, हमें ऐतिहासिक भारत की झलक प्रदान करते हैं।
यह पर्व हमारे परंपराओं के साथ-साथ हमारी विश्वास को भी दर्शाता है।
दिव्यांग नृत्य और भव्य मंडपों वाला दुर्गा उत्सव
यह महीना में आने वाला त्यौहार एक अद्भुत अनुभव है। जनता इस दिन शोभा से मनाते हैं औरमंडपों में रंग की भरमार होती है। यह देखकर मन आश्चर्यचकित हो जाता है कि व्यक्तित्व अपनी कला और संवेदना से लोगों को भाँवते हैं।
शरद ऋतु की चमक में गंगा तट पर आयोजित भक्ति मेला
इस माह को आज किनारा शांत गंगा नदी का भक्ति मेला होता है जहाँ हज़ारों भक्त नदी के पूजा करते हैं और अपनी हर्ष-उल्लास से भर देते हैं .
- इस मेले में बहुत विशेष मेला कार्यक्रम हैं जैसे {भजन, कीर्तन, भगवत कथा और प्रार्थना.
- यहाँ लोग एक-दूसरे से मिलकर आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना पसंद करते हैं .
- यह एक अनोखे धार्मिक आयोजन है जो गंगा नदी के किनारे लोगों को उत्साहित करता है